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Monday, July 5, 2010

Srujan Se Feedback from Kavi Kulwant Singh Ji....

इतने बड़े राष्ट्र में राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक पत्र, पत्रिकाओं की नितांत कमी है. जिसकी कमी साहित्य से जुड़ा हर व्यक्ति महसूस करता है. लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर, छुटपुट स्तर पर अनेक साहित्यिक पत्रिकाएं उभर कर आई हैं. जिनमें से कई साहित्यिक दृष्टि से उच्च कोटि की भी हैं. लेकिन उनका प्रचार प्रसार बहुत कम यां सीमित है. क्योंकि यह प्रयास अधिकतर व्यक्तिगत तौर पर हैं. इनमें से कुछ पत्रिकाएं हैं - साहित्य क्रांति, कुतुबनुमा, संयोग साहित्य, दमखम, कथा बिंब इत्यादि.


’सृजन से’ पत्रिका भी इसी दिशा में एक उत्कृष्ट प्रयास है. पत्रिका उच्च कोटि की है. लेकिन पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों एवं एवं संरक्षकों को यह विशेष प्रयास करना होगा कि यह पत्रिका साहित्य की दृष्टि से उच्चकोटि की तो रहे ही, साथ ही यह राष्ट्रीय स्तर की भी हो; भले ही पत्रिका का एक खंड क्षेत्रीय स्तर पर समर्पित हो. पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को मेरा साधुवाद एवं अनेकानेक बधाईयां. पत्रिका का इंटरनेट प्रतिरूप भी
भविष्य में अगर संभव हो तो अवश्य लायें.

शुभकामनाओं सहित...


आपका शुभचिंतक
कवि कुलवंत सिंह
वैज्ञानिक अधिकारी
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई

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