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Thursday, December 2, 2010

Feedback from Ashok 'Anjum'...

“सृजन से” का जुलाई-सितम्बर अंक पाया प्रसन्नता हुई। मृदुला गर्ग जी का साक्षात्कार अंक की उपलब्धि है। श्री आलोक शुक्ल की कविता ‘डेमोक्रेसी’ प्रजातंत्र का बड़ा मार्मिक चित्रण है। अन्य रचनाएं भी मार्मिक हैं। गद्य पद्य पर भारी लगा।

अशोक ‘अंजुम’
अलीगढ़ (उ0प्र0)

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